याद है तुम्हें,तुमने कहा था,की मैं नासमझ हूँ,कितनी सच थी ना तुम..देखो!मैं आज भी समझ नही पाया,‘खुद’ को..सच ..नासमझ हूँ मैं…
Life,Poetry, Philosophy, Joy and Peace..🌺
याद है तुम्हें,तुमने कहा था,की मैं नासमझ हूँ,कितनी सच थी ना तुम..देखो!मैं आज भी समझ नही पाया,‘खुद’ को..सच ..नासमझ हूँ मैं…