बाथ टब के बाद उसने शावर लिया,
और अपनी AC कार से,
वो शोशल वर्कशाप पे पहुँचा…
गज़ब की ओज़ थी उसकी वाणी में..
पर्यावरण पे क्या बोलता था वो,
पानी बचाने से लेकर ,
ओज़ोन पर्त तक…
सब उसकी व्याख्यान जिंदा थे..
उसने दो पेड़ भी लगाये,
भाषण भी दिया,
और घर जाकर फिर
Hot water टब में,
उसने विश्राम किया…
थक चुका था वो,
समाज सेवा इतना आसान काम भी नही था…..
आखिर पर्यावरण की रक्षा के लिए,
वो कुछ भी कर सकता था…
