समझो दिल की नाकामी को,
मिले नही तुम,
अब क्या रोना..
जब सब अपने हाथों में था,
हुआ नही कुछ,
अब क्या होना..

समझो दिल की नाकामी को,
मिले नही तुम,
अब क्या रोना..
जब सब अपने हाथों में था,
हुआ नही कुछ,
अब क्या होना..
ये रातों का जगना तेरा,
ये तेरी बेपरवाही,
ये घंटो तक सोशल मीडिया,
पे टहलना तेरा,
कर देती है तुझको #तन्हा,
ये आस पास से,
ऊँघना तेरा,
सच्चाई से यूं,
भागना तेरा,
सबके बीच भी होकर,
तू रहता है कितना #तन्हा
कभी सोच की कितनी सच्चाई है ,
तन्हाई तेरी,
माँ से बात किये तुझको,
कितने ही दिन बीत गए,
और सोशल मीडिया पे तूने,
घंटो है बर्बाद किये,
फिर कहते हो तन्हाई है,
सच, तू कितना हरजाई है…