याद है तुम्हें,
तुमने कहा था,
की मैं नासमझ हूँ,
कितनी सच थी ना तुम..
देखो!
मैं आज भी समझ नही पाया,
‘खुद’ को..
सच ..
नासमझ हूँ मैं…

Life,Poetry, Philosophy, Joy and Peace..🌺
याद है तुम्हें,
तुमने कहा था,
की मैं नासमझ हूँ,
कितनी सच थी ना तुम..
देखो!
मैं आज भी समझ नही पाया,
‘खुद’ को..
सच ..
नासमझ हूँ मैं…
Nice thought
LikeLiked by 1 person
💐💐
LikeLike