हर शहर में वो एक कोना होता है जो बिल्कुल शांत,निर्जन और एडवेंचरस होता है, ऐसे कोने ढूंढना अच्छा लगता है मुझे।
करनाल में ऐसे कई कोने है,ये एक ऐसा शहर है जिसे मैंने पैदल और सायकिल से एक्सप्लोर किया है।
ऐसे ही किसी जगह पे बैठा लिख रहा हूँ, पीछे की तरफ नहर है जो अभी सूखी हैं, बाई तरफ रेलवे का पुल जो नहर को क्रॉस करते हुए किसी और दुनिया की तरफ बढ़ जाता है। दाई तरफ़ नहर जा रही किसी अपने के तलाश में सुदूर, समानांतर में एक छोटी सड़क ,सड़क के बगल में खेत और असीम शांति।
20 किलोमीटर की साइक्लिंग के बाद यहां बैठकर इसे खुले वातारण को मैं अपने अंदर उतार चुका हूँ या कहो मैं विलीन हो गया हूँ इसमे।
शांति की भी अपनी आवाज होती है, बिना किसी आवाज के।चिड़ियो की बोली, पेडों के पत्तों का आपस मे टकराकर तड़तड़ाना, हवा की सन-सन ये सब मिलकर कुदरत का संगीत बनाते है ।
शुभप्रभात💐

are waah …
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आभार💐
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आभार
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थैंक्स
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Badhiya bhai….Karnal haryana me na😊🌼
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हा
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nice
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Great the inner peace places
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शुक्रिया
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