सिर्फ सभ्यता और व्यवस्था के बंधन के कारण तुम्हारे साथ हूँ,
ऐसा नही है….
एक अनजाना सा लगाव है..
जो तुमसे दूर जाने ही नही देता..
तुम इसे प्रेम जैसा कुछ कहना चाहो,
तो मैं तुम्हे सभ्यता के बंधनों से,
मुक्त करता हूँ..
मैं प्रेम में हूँ…
सिर्फ सभ्यता और व्यवस्था के बंधन के कारण तुम्हारे साथ हूँ,
ऐसा नही है….
एक अनजाना सा लगाव है..
जो तुमसे दूर जाने ही नही देता..
तुम इसे प्रेम जैसा कुछ कहना चाहो,
तो मैं तुम्हे सभ्यता के बंधनों से,
मुक्त करता हूँ..
मैं प्रेम में हूँ…