सुनों!
आज ये पर्ची मिली ,
किताब के पन्नों के बीच पड़ी हुई थी,
कोई चार पांच साल पुरानी होगी,
जब से तुम गयी हो,
पर्चियां बनाना बंद कर दिया है मैंने,
अब अक्सर किचेन में,
कुछ ना कुछ कम ही रहता है,
और खाने में भी..
अब जब आओगी,
तो अपनी पर्ची तैयार रखना,
बहुत मिस करता हूँ,
पर्ची को,
देखो पर्ची को मिस करते करते,
कैसे तुमको भी मिस करने लगा हूँ।

So good👍👌😊
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So lovely…as I can imagine here…😊😊
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