कैसे खुश होंगे तुम,
इंसान जो हो..
तुम्हे तो आदत है ना,
जो नही है वो मांगने की,
जो है उसमें तुम कब खुश हुए,
जो मिलता है वो तुम्हे चाहिए नही,
जो मिला नही उसके लिए तुम ,
जान लगा दोगे..
धन्य हो तुम, हे मानव!
कैसे खुश होंगे तुम,
इंसान जो हो..
तुम्हे तो आदत है ना,
जो नही है वो मांगने की,
जो है उसमें तुम कब खुश हुए,
जो मिलता है वो तुम्हे चाहिए नही,
जो मिला नही उसके लिए तुम ,
जान लगा दोगे..
धन्य हो तुम, हे मानव!
आभार💐
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बहुत सही बात.. हम सदैव उस चीज में खुश नहीं रहते, जो हमारे पास है!
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