दोस्त हो तुम मेरी ,
परम्पराओ, व्यवस्थाओं और समाज ने,
तुम्हे मेरी पत्नी बना दिया….
पर सच कहूं?
पति पत्नी के रिश्तों की SOP
मुझे समझ नहीं आती…..
हर रिश्ते की भी अपनी SOP होती हैं( SOP – standard operating Procedures)
Do’s & Don’ts होते है..
इसीलिए मैं तुम्हे दोस्त कहता हूं..
दोस्ती के SOPs बड़े निराले है,
गिरोगी तो थाम लूंगा,
भटकोगी तो, राह दूंगा,
रूठोगी तो, मना लूंगा,
भरोषा खुद से ज्यादा यार
दूंगा तुम्हे,
अनकंडिशनल प्यार…
क्योकी मुझे पता है,
तुम “तुम” भी तो हो,
मैं “मैं” भी तो हु….
दोस्त हो तुम मेरी ……
आभार
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❤👏
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Bhai you are awesome in writing
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Thanks 💐
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Mast hai, dost ho tum meri.
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Thanks
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