जिंदगी की कई प्लानिंग्स के बीच कभी भी ये प्लानिंग नहीं किया मैंने कि अगर २५ दिन की छुट्टी मिल गयी और एक अप्पार्टमेन्ट में बंद होना पड़ा तो क्या करुंगा या कहिये क्या क्या करूँगा । अब कोरोना के चलते २५ दिन की छुट्टी मिल गई जबरदस्ती , थोपी गयी छुट्टी एक रिटेलर होते हुए हम सपने में भी नहीं सोच सकते इतनी छुट्टियां । अब सारे अवाक् , हताश करे तो क्या करे । यूँ ही बैठे बैठे सोच रहा था की चलो कोई नहीं जो हुआ सो हुआ अब आगे की प्लानिंग अच्छे से करने का समय मिला है कर लो।
कई सर्वेज और विद्वानों के राय पढ़े की क्या होगा देश का , अर्थव्यवस्था का, सामाजिकता का कोरोनॉ के बाद …. पढ़ने सुनने के बाद प्लानिंग तो छोड़िए ब्लड प्रेसर लो हो गया, टेंशन हो गयी कि इतने बुरे हालात होंगे कैसे चलेगा जीवन?
जैसे ही भविष्य के विषय मे सोचना प्रारंभ करिए अनिश्चितता और असुरक्षा घेर लेगी आपको… फिर सोचा कि जिसके बारे में (भविष्य) कुछ पता ही ना हो उसकी क्या प्लानिंग करना, और जो बीत चुका हो उसकी चिंता क्या करना…
वर्तमान ही है जो मेरे पास है मेरे बस में है , क्यो ना इसी की चिंता करले,इसी की प्लानिंग कर ले…इसी को जी भर जी ले..सोच लेते है कि ये दो महीने जिंदगी के आखिरी दो महीनें है जो करना है बस इसी में कर लो… जी लो अपनो को गले लगा लो,कोस लो.. लड़ लो,झगड़ लो.. कल की कल देखेंगे…