ये मेरी कविता मेरी सभी महिला मित्रो को सपर्पित ….💐💐💐
मैंने कहा –
सोच रहा हु,
इस विमेंस डे पे क्या दू तुम्हे,
हार दू,उपहार दू
बंगला दू या कार दू,
तुम कहो तो सब कुछ वार दू ।
वो बोली –
क्या करना इन सामानों का,
देना ही है,
तो शक्ति दे दो,
डर ना हो,
वो बस्ती दे दो,
फिरू अकेले इधर-उधर मै
जब चाहू,
जो चाहु पहनू
मुझको ऐसी हस्ती दे दो ।
दे सकते हो तो दो मुझको,
समता,क्षमता और आज़ादी
बोलो दे सकते हो मुझको,
समता,क्षमता और आज़ादी….
Happy women’s day ….
